-----:एक
निशानी
हूँ
मैं:-----
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अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो
दिया तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं ,
रोक पाये न जिसको ये सारी दुनिया,
वो! एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं.....
सबको
प्यार देने की आदत है हमें,
झुलस
कर मिटने की आदत है हमे,
कितना
भी गहरा जख्म दे कोई,
उतना
ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं,
सवालो
से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं,
जो
समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन" हूँ मैं
जो
समझ गये उनके लिए खुली किताब हूँ मैं,
दिल
की आँख से देखोगे तो खुश पाओगे मुझे,
दिल
से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,…..
"अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं,
खो
दिया तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं" ,
वी. पी. सिंह
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