डा.अंबेडकर के जीवन के कई वक्ततव्य हैं, जो अनछुए से हैंI अनछुए नहीं भी हैं तो भी उनकी चर्चा प्रमुखता से कम ही हुई हैI विदेश से पढ़ाई कर भारत लौटने के बाद दलित समाज के उत्थान और देश निर्माण में उनकी भूमिका की चर्चा अक्सर की जाती हैI लेकिन उनके विश्वविद्यालयीय शिक्षा के बारे में चर्चा थोड़ी कम हो पाती हैI हम 1913 से 1916 के उस दौर की बात कर रहे हैं, जो वक्त डा. अंबेडकर ने न्यूयार्क के कोलंबिया यूनिवर्सिटी में बिताया था ऐसा डॉ. अम्बेडकर और बड़ोदा के महाराज सयाजीराव गायकवाड़ के बीच हुए उस करार से सम्भव हो पाया जिसमें विदेश से पढ़ाई के बदले 10 वर्षों तक रियासत की सेवा करने का करार हुआ था I इसी अनुबंध के तहत डॉ. अम्बेडकर का उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाना तय हुआI
बीसवीं शताब्दी में डॉ. अम्बेडकर ऐसे प्रथम श्रेणी के राजनेताओं में पहले व्यक्ति थे, जिन्होने अमेरिका जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त की थी जून 1916 में उन्होंने ‘नेशनल डिविडेन्ड इन इण्डिया ए हिस्टोरिक एण्ड ऐनेलेटिक स्टेडी’ पर शोध पूरा कर विश्वविद्यालय में जमा किया जिस के लिए डॉ. अंबेडकर को (डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी) पी. एच. डी. की उपाधि से सम्मानित किया गया था I डॉ. अम्बेडकर की इस सफलता से प्रेरित होकर कला संकाय के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने एक विशेष भोज देकर डॉ. अम्बेडकर का सम्मान किया था जो महान व्यक्ति अब्राहन लिंकन व वाशिंगटन की परम्परा का अनुसरण था I इस शोध प्रबंध में डॉ. अम्बेडकर ने बिट्रिश सरकार द्वारा भारत के आर्थिक शोषण की एक नंगी तस्वीर दुनिया के सामने रखी जो आज एक ऐतिहासिक दस्तावेज है I
डॉ. अम्बेडकर द्वारा सामाजिक न्याय व समता के संबंध में भारतीय दलित समाज को हक दिलाने वाले संविधान निर्माण की उपलब्धि से प्रभावित होकर कोलम्बिया विश्वविद्यालय न्यूयार्क, अमेरिका ने जून 1952 में उन्हें ‘डॉक्टर ऑफ लॉ’ की मानद उपाधि प्रदान की थी I सन् 1754 में स्थापित की गई कोलंबिया युनिवर्सिटी ने अपनी स्थापना के 250 साल पूरा होने पर 2004 में अपने सौ ऐसे पूर्व छात्रों की एक लिस्ट जारी की, जिन्होंने दुनिया में महान कार्य किए और अपने क्षेत्र में प्रसिद्ध रहें I युनिवर्सिटी की सूचि में डॉ. अंबेडकर को पहले स्थान पर रखा गया I इस सूची की खास बात यह हैं इस में अमेरिका के 3 राष्ट्रपति सहित विश्व के 6 अलग-अलग देशों के राष्ट्राध्यक्ष, 40 नोबेल पुरस्कार विजेताओं, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के पहले न्यायाधीश सहित 8 अन्य सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, 22 से अधिक अमेरिकी राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शामिल हैं I इसके अलावे इस सूची में कई कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, विश्व के सर्वाधिक धनवान व्यक्ति वारेन बफेट एवं कई दार्शनिक तथा नोबेल पुरस्कार विजेता शामिल हैं I सूची में जो तीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, उनमें थॉडोर रूजवलेल्ट, फ्रेंकलिन रूजवेल्ट और डोविट एसनहॉवर सहित जर्जिया के राष्ट्रपति मिखैल साकाश्वीली और इथोपिया के राष्ट्रपति थॉमस हेनडिक, इटली के प्रधानमंत्री गियूलिनो अमाटो, अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल जहीर, चीनी प्रधानमंत्री तंगशोयी और पोलैंड के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं I
कोलंबिया युनिवर्सिटी में पूर्व छात्रों को सम्मानित करने के लिए एक स्मारक बनाया गया जिस पर इन 100 महान विभूतियों के नाम लिखे गये हैं इन सभी सम्मानित 100 पूर्व विद्यार्थियों के नामों को सही क्रम में लगाने के लिए वहां के विद्वानों की एक कमेटी बनाई गई उस कमेटी ने भारतीय संविधान के रचयिता तथा आधुनिक भारत के संस्थापक पितामह बाबा साहब डॉ. बी. आर. अम्बेडकर का नाम सबसे ऊपर नम्बर 1 पर रखा I इस स्मारक का अनावरण अमेरिकी राष्ट्रपति और नोबल पुरस्कार विजेता बराक ओबामा ने किया था I यह स्मारक आज भी कोलम्बिया विश्वविद्यालय के प्रांगण में शोभा मान है I
V.P.Singh
Mob.09971224023
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वीपी साहब. यह खबर दलितमत.कॉम पर छपी थी. लेखक कुशालचंद्र रैगर हैं. आपने इसे वहीं से उठाया है लेकिन इसे अपना नाम देकर अपने ब्लॉग पर लगा दिया है. वेब मीडिया में भी कुछ नियम कानून है. आपने दलितमत न्यूज पोर्टल से इस खबर को लिया है तो आपको वहां का साभार देना चाहिए और लेखक का नाम भी. लेकिन आपने ऐसा नहीं किया है. दलित मत पर छपी हर खबर पर हमारा कापी राइट है. आपने बिना इजाजत छाप कर कापीराइट का उल्लंघन किया है. यह ठीक नहीं है. अगर आप वेब पर कुछ कर रहे हैं तो उसके नियम भी जानिए. वेब नियमों के उल्लंघन में आपको नोटिस भी भेजी जा सकती है.
ReplyDeleteप्रशासन
www.dalitmat.com
Yes this is dalit mat news but i some change if you heart this article i am so sorry in future of that care must be taken.
Deletev.P.Singh
Thanks for inspiring motivational message for all bahujan community.
ReplyDeleteYe batao blogspot domain use karke kitna kamaya
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