Thursday, December 8, 2011

डॉ.भीम राव आंबेडकर का एक सपना भारत में दलित पूंजीवाद का था : वी.पी.सिंह

Dr.Bhim Rao Ambedkar was a dream of Dalit capitalism in India : By VP Singh
भारत एवं दुनिया में सविंधान निर्माता भारत रतन डॉ. भीम राव आंबेडकर का स्थान विशेष महत्त्व रखता है इनके बताये गये मुख्य तीन निर्देशों शिक्षित बनो,संगठित रहो ,संघर्ष करो के, अतिरिक्त उनकी सोच और बहुत सी थी वे ऐसे भारत का निर्माण चाहते थे जहां सभी को बराबर का अधिकार हो,गावो का शहरी करण हो,जल्दी से जल्दी दलित लोग शहरो की तरफ पलायन करे जिससे ये बेगारी करने से बच सके तथा वे पूंजीवादी बने जिससे ये काम करने वाले न होकर काम देने वाले बने I महात्मा गाँधी हमेशा इन बातो का विरोध करते थे I बाबा साहेब की शहरी करण की नीति से प्रभावित हो कर तत्कालीन प्रधानमंत्री ज्वाहर लाल नेहरु ने 1 नबम्वर 1966 को चंडीगढ़ की स्थापना की थी जो आज भारत में विशेष महत्त्व रखता है I
आज 6 दिसंबर को भारत रतन भारतीय सविंधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर जी का 56वां महापरिनिर्वाण दिवस है पूरा देश उन्हें सृद्धा सुमन अर्पित करता है I भारतीय सविंधान के जनक डॉ.भीम राव आंबेडकर के दलित पूंजीवाद के अलावा और कई सपने थे वे भारत को जाति मुक्त,खाद्य सरप्लस,औद्योगिक राष्ट्र ,शहरीकरण तथा हमेशा लोकतान्त्रिक बना रहना चाहते थे उनका सबसे बड़ा सपना था कि दलित जाति के लोग धनवान बने वे हमेशा नौकरी मांगने वाले नहीं बने नौकरी देने वाले बने I
गवर्नर जनरल को डॉ.आंबेडकर का पत्र:-
बात 29 अक्टूबर 1942 की है जब डॉ.आंबेडकर ने भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल विक्टर अलेक्जेंडर जॉन होप को दलितों की समस्याओं से सम्बंधित एक ज्ञापन दिया था डॉ.आंबेडकर गवर्नर जनरल की कार्यकारणी के सदस्य थे इस लिए यह ज्ञापन गोपनीय था डॉ.आंबेडकर के लेखो एवं भाषणों के संग्रह के दसवें खंड में आप इसे पेज संख्या 404 से 436 पर पढ़ा सकते है उक्त ज्ञापन में एक खंड है जिसमे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में दिए जाने वाले अनुबंधों का जिक्र किया गया है I डॉ.आंबेडकर के अनुसार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा दिए गये कुल 1171 अनुबंधों में से मात्र एक ठेका दलित को दिए गया था उन्होंने दलितों को और ठेके देने की व्यस्था की मांग की थी तथा इस ओर ध्यान दिलाया था कि हिन्दू,मुस्लमान और सिक्ख ठेकेदार मुनाफा कमा रहे है जबकि दलित मजदूर उनके यहाँ नौकरी कर रहे है I

भारत में महाराष्ट्र से दलित पूंजीवाद का युग शुरू :-
आज से 69 वर्ष पहले अर्थात सन 1942 में डॉ.आंबेडकर केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में दलितों की भागेदारी की बात कर रहे थे तब शायद गिने-चुने कुछ ही दलित इतने पैसे वाले होंगे जो ठेकेदार बनने के लायक थे I बाबा साहेब का एक प्रबल सपना था कि दलितों में मोटा पैसा कमाने वाला एक वर्ग जरुर पैदा होना चाहिए I अब बिना किसी आन्दोलन बिना किसी सरकारी सहयोग के बाबा साहेब के सपनो की एक नई पीढ़ी तैयार हो रही है जिसे दलित पूंजी वाद कि संज्ञा देना गलत नहीं होगा इसकी एक झलक आप पुणे में देख सकते है I जहां पर दलित उद्योगपतियो की लम्बी सूचि आप को मिल जायेगी जिन में फार्चून निर्माण कंपनी के मालिक मिलिंद काम्बले,महाराष्ट्र की जानी मानी कंपनी एवरेस्ट स्पन पाइप के मालिक नामदेव कृष्णाजी जगताप , जीटी पेस्ट कंट्रोल मल्टी नेशनल कंपनी के मालिक राजेंद्र गायकवाड, सोलर हीटर बनाने वाली सूर्याटेक कंपनी के मालिक मुकुंद कमलाकर जिस के उपभोक्ता क्रिकेटर जहीरखान भी है तथा सतारा में चीनी मिल के मालिक स्वपिनल धिगर,टाटा मोटर्स के लिए ऑटो पार्ट्स बनाने वाले गोकुल गायकवाड,बिजली का सामान आयात करने वाली शिगनेट इंजीनियरिंग के मालिक एन.जे.कारात, आफ सेट प्रिंटिंग मशीन आयात करने वाली कंपनी ईजी केयर के मालिक आर.आर.काम्बले तथा अविनाश काम्बले की यूनाइटेड इंटर नेशनल कंपनी जिसने 10 क्षेत्रों में प्रमुख कोरियर कंपनी डीटीडीसी से फ्रैचाइजी ले रखी है ऐसे अनेको नाम एवं कंपनी है जिनका सालाना कारोबार 50 से 100 करोड़ का है I मुंबई स्थित कल्पना सरोज की कामायनी ट्यूब्स का सालाना कारोबार 300 करोड़ से ज्यादा का है इन दलित उद्योगपतियो को देख कर लगता है कि बाबा साहेब का आज से 70 साल पहले देखा गया सपना अब धीरे-धीरे पूरा हो रहा है तथा भारत में दलित पूंजीवाद की हवा बहनी शुरू हो गई है I जो भविष्य के लिए शुभ संकेत माने जा सकते है I
डिक्की अर्थात डी.आई.सी.सी.आई.( दलित इंडियन चैम्बर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री )
पुणे के दलितों उधमियो ने दलित इंडियन चैम्बर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री नामक एक ट्रेड संस्था बना रखी है तथा एक नौजवान दलित उद्योगपति मिलिंद कांबले के नेतृत्व में डिक्की ने 4,से 6 जून 2010 को पुणे में दलित ट्रेड फेयर आयोजित करके एवं 223 स्टाल लगा कर एक मील का पत्थर रख दिया है I अभी यह आयोजन राज्य स्तर पर था वर्ष 2015 में राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित करने का लक्ष्य तय किया गया है I
अब यह संस्था 16 से 18 दिसंबर 2011 तक चलने वाले ट्रेड फेअर का एमएमआरडीए ग्राउंड, बांद्रा - कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC), बांद्रा (ई) मुंबई 400051 में आयोजन करने जा रहा है जिस का उदघाटन विश्व विख्यात दलित समीक्षक व लेखक एवं दार्शनिक श्री चन्द्र भान प्रसाद सिंह तथा गोदरेज कंपनी के प्रमुख श्री आदि गोदरेज करेगे I इन तीन दिनों में देश के जाने माने लोग हिस्सा लेगे जिनमे केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार,सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्री श्री मुकुलवशिनिक ,महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री श्री प्रथ्वी राज चौहान,केंद्रीय बिजली मंत्री श्री सुशील कुमार सिंधे तथा टाटा स्टील के प्रमुख श्री बी.मुत्थुरमन आदि लोग हिस्सा लेगे एवं अपने विचार प्रकट करेगे I इस ट्रेड फेअर में पूरे भारत से 350 से अधिक दलित उद्धमी हिस्सा लेगे जो अपने बनाये सामानों को प्रदिर्शित करके देश एवं दुनिया भर से आये ग्राहकों तक अपनी सीधी पकड़ बना कर अधिक मुनाफा कमाने की तरफ सीधी पहल करेगे जो भविष्य के लिया शुभ संकेत माने जा सकते हैI
आज भारत का दलित राशन कार्ड या सरकारी नौकरियो पर ही निर्भर नहीं है अब एक करोड़ से एक हजार करोड़ सालन टर्न ओवर वाले दलितों का तबका पैदा हो चुका हैI यह बात अलग है कि अभी उनकी संख्या कम है तथा कारोबार का आकर भी छोटा है लेकिन दलित उद्योगपति इतने सक्षम तो हो गये है कि वे दलित ट्रेड फेअर लगा सकते हैI
काश ! भारत की सरकार एवं देश के बड़े पूजीपतियो में यदि थोडा सी अमेरिकन सोच तथा दिल लग जाये तो कुछ ही समय में दलितों में भी अरबपतियो की एक फौज तैयार हो सकती हैI बहराल इतना संतोष तो हो ही गया है कि सरकारी विभागों के अलावा नौकरी देने वाला एक तबका दलितों के भीतर से ही पैदा हो रहा है तथा आज बाबा साहेब का दलित पूंजीवाद का सपना पूरा हो रहा हैI


V.P.Singh
Mob.09971224023
E-mail:vpsingh65@gmail.com

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