Sunday, February 17, 2013

हमने पाकिस्तान दिया

जिन्ना ने जो हमसे मांगा, हमने वो सम्मान दिया     
भारत
माँ का बटवारा,कर हमने पाकिस्तान दिया
लेकिन चन्द महीनों मे ही तुम औकात दिखा बैठे
काश्मीर पर हमला करके अपनी जात दिखा बैठे
नेहरु जी की एक भूल का ये अन्जाम हुआ देखो
साँप गले मे पडा हुआ है ये परिणाम हुआ देखो
हमने ढाका जीता जब,तिरंगा भी गड सकता था
दर्रा हाजी पीर जीतकर भी भारत अड़ सकता था
लेकिन हम तो ताशकंद के समझौते मे छले गये
भारत के लाल,लाल बहादुर इस दुनिया से चले गये
पाक धरा से मिट ही जाता मौक़े टाल दिए हमने
लाखों कैदी भुट्टो की झोली मे डाल दिए हमने
हम परमाणु ताकत होकर भी लाहौर गये बस मे
हमने शिमला समझौते की कभी नही तोडी कसमे
फिर भी बार- बार हमलों से भारत घायल होता है
मै दिल्ली से पूछ रहा हूँ आखिर ये क्यों होता है
उत्तर कहीं नही मिलता है शर्मसार हो जाता हूँ
इसी लिए मै कविता को हथियारबनाकर गाता हूँ
                                                V.P.Singh

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